लखनऊ। एचएएल पावर हाउस से जुड़ा एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अकुशल संविदाकर्मी देशराज, कुली को बिना किसी सुरक्षा किट और मानक सेफ्टी उपकरण के खंभे पर चढ़ा दिया गया। यह न केवल विभागीय लापरवाही की खुली पोल है बल्कि संविदा प्रणाली की अमानवीय हकीकत भी उजागर करती है।विद्युत सुरक्षा नियम साफ कहते हैं कि किसी भी लाइनमैन या कर्मचारी को सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, ग्लव्स और इंसुलेटेड जूते के बिना खंभे पर चढ़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, संविदाकर्मी अपनी जान हथेली पर रखकर सिस्टम की गलती और ठेकेदारों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि अगर देशराज “कुली” के साथ कोई हादसा होता है तो जिम्मेदारी कौन लेगा ?
आखिर कब तक संविदाकर्मियों को इस तरह मौत के मुहाने पर धकेला जाएगा?
यह मामला सिर्फ एक देशराज का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के उन हजारों संविदाकर्मियों का है, जो बिना सुरक्षा, बिना स्थायी नौकरी और बिना किसी गारंटी के रोज़ाना खंभों पर चढ़कर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।



