अटल जी के जीवन में दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद के प्रभाव पर हुआ विमर्श
आज़मगढ़। शिब्ली नेशनल कॉलेज में शासन के निर्देशानुसार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष (25-12-2024 से 25-12-2025 तक) के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्राचार्य प्रो. अफसर अली के मार्गदर्शन में चल रही इस श्रृंखला के अंतर्गत गुरुवार को दसवें कार्यक्रम के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन हुआ।संगोष्ठी का विषय था, “अटल जी के राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का प्रभाव”। कार्यक्रम का संयोजन और संचालन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर नवी हसन ने किया।

मुख्य वक्ता के रूप में राजनीतिक विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज़फ़र आलम तथा इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शहरयार ने अपने विचार रखे। दोनों विद्वानों ने कहा कि अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन में दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद को व्यवहार में उतारकर राजनीति को लोककल्याण का माध्यम बनाया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। कई छात्र-छात्राओं ने कविता एवं भाषण के रूप में अपनी प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें अटल जी की काव्य-प्रतिभा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित भावनात्मक रचनाएँ प्रस्तुत की गईं। विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और अधिक जीवंत और प्रेरणादायी बना दिया।फिजिकल एजुकेशन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आसिम ख़ान ने सह-संयोजक की भूमिका निभाई और अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।



