राजकीय आयुर्वेद कालेज, टुडियागंज, लखनऊ के महर्षि चरक सभागार में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का उद्घाटन

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आज दिनांक 23 सितम्बर 2025 को राजकीय आयुर्वेद कालेज, टुडियागंज, लखनऊ के महर्षि चरक सभागार में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का उद्घाटन माननीय राज्य मंत्री डॉ दया शंकर मिश्र दयालु जी, आयुष विभाग एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ माननीय मंत्री जी द्वारा भगवान धन्वंतरि के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया।प्रमुख सचिव आयुष श्री रंजन कुमार जी ने मंत्री जी पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। महानिदेशक आयुष श्रीमती चैत्रा वी ने आयुष सचिव को पुष्प गुच्छ स्मृति चिन्ह अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। आयुष महानिदेशक का सम्मान मिशन निदेशक सुश्री निशा अनंत जी द्वारा किया गया । श्री हरिकेश चौरसिया , विशेष सचिव द्वारा मिशन निदेशक सुश्री निशा अनंत जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार मौर्य जी ने विशेष सचिव को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्राचार्य जी द्वारा निदेशक होम्योपैथी और निदेशक यूनानी को सम्मानित किया गया। डा धर्मेंद्र, डा ब्रजेश गुप्ता द्वारा प्राचार्य महोदय जी का स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में उद्बोधन देते हुए माननीय मंत्री जी ने आयुर्वेद दिवस और शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता था उन्होंने 5000 साल पहले शल्य चिकित्सा का प्रचार किया था। प्राचीन भारत सोने की चिड़िया कही जाती थी इसीलिए अनेकों विदेशी अन्वेषक फहयान, वास्कोडिगामा, कोलंबस, व्हेनसांग भारत भ्रमण के लिए आए थे। हजारों साल से मदार, बबूल, नीम, तुलसी, भूमि आमला, गिलोय, जैसी चीजें जिनसे स्वास्थ्य संरक्षण होता था वे आज भी प्रासंगिक हैं। आज का दिन मन और शरीर में संतुलन बनाने, शरीर और समाज में संतुलन, प्रकृति और मनुष्य में संतुलन बनाने के लिए संकल्प लेने का दिन है। आहार विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या से आज मनुष्य को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नितांत आवश्यक है। हमें अपने भोजन में मोटे अनाज अवश्य शामिल करना चाहिए। आयुर्वेद के द्वारा विषाक्त धातुओं जैसे पारा, शीशा, टीन आदि को शुद्ध करके औषधि रूप में गंभीर व्याधियों में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचा कर देश को अग्रणी बनाना है।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रथम बैच के छात्र रहे एवं निदेशक आयुर्वेद पद से सेवानिवृत्त डा के के ठकराल, पूर्व शिक्षक डॉ एन डी मिश्र, डा कमल सचदेव, प्रो कुलदीप कोहली जी का स्वागत सम्मान किया गया। तत्पश्चात माननीय प्रधानमंत्री जी का संदेश पढ़ कर सुनाया गया। इस अवसर पर माननीय मंत्री जी द्वारा “आयुष देवशा” पत्रिका का विमोचन किया गया। इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस की थीम है “आयुर्वेद जन जन के लिए, आयुर्वेद पृथ्वी के कल्याण के लिए” । इस अवसर पर संबोधन करते हुए प्रमुख सचिव श्री रंजन कुमार जी ने कहा कि आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने हेतु गंभीर प्रयास करना होगा। 23 सितम्बर को दिन और रात बराबर होता है इसलिए इस दिन आयुर्वेद दिवस मनाए जाने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है। आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग करके रुग्णता और मृत्यु दर कम की जा सकती है।

माननीय मंत्री द्वारा आयुर्वेद दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला में बाद विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, आयुर्वेद आहार प्रतियोगिता, के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर आयुष आहार का भी अतिथियों ने रसास्वादन किया और इसे जनता तक पहुंचाने की जरूरत बताया। श्रीमती चैत्रा वी महानिदेशक आयुष एवं निदेशक आयुर्वेद ने कहा कि शरीर और जगत में पंचमहाभूत की सामंजस्य स्थापित करके ही स्वास्थ्य की कामना की जा सकती है।

मिशन निदेशक सुश्री निशा अनंत ने बताया कि चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में आयुष सेक्टर में बहुत अवसर हैं। हमारा प्राथमिक उपचार आयुर्वेद में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान शीघ्र ही उत्तर प्रदेश में खोलने के लिए प्रयास किया जा रहा है।विशेष सचिव हरिकेश चौरसिया जी ने बताया कि आज दिन और रात बराबर है ठीक इसी प्रकार प्रकृति और मनुष्य में भी संतुलन बना कर चलना चाहिए। आयुर्वेद जीवन जीने की शैली है। इसकी सार्थकता को जन जन तक पहुंचाना होगा।

मुंबई से पधारे प्रो कुलदीप कोहली जी ने अपने व्याख्यान में बताया कि पंचकर्म द्वारा बहुत सारे लाइलाज बीमारियों में बहुत अच्छा परिणाम मिलता है। उन्होंने बताया कि जोंक द्वारा इलाज आज विदेशों में भी किया जा रहा है जैसे कि पुराना घाव, जिसमें कीटाणु का संक्रमण हो गया हो उसमें चमत्कारिक रूप से लाभ मिलता है। चिकन गुनिया से पीड़ित मरीजों में मांस पेशी के दर्द में पत्र पोटली स्वेदन से दर्द में राहत मिलती है। अनिद्रा, तनाव, अवसाद आदि मानसिक रोगों में शिरोधारा से बहुत उत्तम लाभ होता है।

इससे पूर्व राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज सुबह 8 बजे माननीय मंत्री डा दया शंकर मिश्र दयालु ने 1090 चौराहे से एक बाइक रैली आयुर्वेद दिवस की जनजागरुकता हेतु झंडा दिखाकर रवाना किया जो कि 1090 चौराहे से शुरू होकर समता मूलक चौराहा होते हुए जनेश्वर मिश्र पार्क पर समाप्त हुई। कार्यक्रम में आयुर्वेद कालेज के सभी छात्र छात्राओं, शिक्षकों, ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम का संचालन डा शची श्रीवास्तव ने किया। प्राचार्य महोदय ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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