इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में दो के बजाए एक जमानतदार के होने पर भी कैदी को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं कि धनाभाव के चलते तमाम कैदी दो जमानदार की व्यवस्था न कर पाने के कारण लंबे समय तक जेल में बंद रहते हैं।
अब दो के बजाय एक जमानतदार से भी रिहाई मिलेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामाजिक और आर्थिक स्थिति की वजह से दो जमानतदारों की व्यवस्था नहीं कर पाने पर कई वर्षों से जेल में बंद रहने के कई मामलों का संज्ञान लेकर यह फैसला दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ ने गोरखपुर की बच्ची देवी की अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मजिस्ट्रेट या संबंधित न्यायालय आरोपी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए संतुष्टि पर अब दो के बजाय केवल एक ही जमानतदार पर जमानत स्वीकृत करें। साथ ही जमानत बॉन्ड राशि आरोपी की वित्तीय क्षमता के अनुसार तय की जाए।