हर धर्म की आस्था को सम्मान देना भारतीय संस्कृति की असल पहचान- राजेश तिवारी
लखनऊ। गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल कायम करते हुए राजधानी लखनऊ में पहले रोजा इफ्तार और नमाज के उपरांत भोलेनाथ की आरती संपन्न हुई। ऐसी मिसाल कायम की है गुडंबा स्थित अवधपुरम कालोनी के निवासियों ने। कालोनी वासियों द्वारा बनाई गई बाबा अवधेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण के शिव वाटिका में पहले रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ इसके बाद जमात के साथ मगरिब की नमाज हुई इसके बाद उसी परिसर में भगवान भोलेनाथ की आरती का कार्यक्रम संपन्न हुआ। अवधपुरम कॉलोनी वासियों द्वारा आयोजित इस रोजा इफ्तार से भारत की मिली-जुली संस्कृति के बहुविध रंगों के दर्शन हुए। कालोनी वासियों द्वारा रोजेदारों के लिए इफ्तार तथा उनके नमाज पढ़ने का बेहतरीन इंतजाम किया गया। जमात के साथ नमाज संपन्न होने के बाद रोजाना शाम को होने वाली बाबा भोलेनाथ की आरती का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था अवधपुरम वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया कि सोसाइटी ने कॉलोनी में बने शिव वाटिका पार्क में रविवार शाम रोजा इफ्तार का आयोजन किया। इसमें कॉलोनी के अनेक हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने हिस्सा लेकर आपसी भाईचारे का शानदार नमूना पेश किया। उन्होंने बताया कि इसी प्रांगण में मगरिब की नमाज पढ़ने का इंतजाम भी किया गया था और इफ्तार के बाद मुस्लिम भाइयों ने जमात के साथ नमाज भी अदा की।
राजेश तिवारी ने बताया कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सनातन धर्म के मूल मंत्रों में शामिल है और हर धर्म की आस्था को सम्मान देना हमेशा से भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। उन्होंने बताया कि अवधपुरम कॉलोनी अवध की संस्कृति को आत्मसात करती है। यहां स्थित शिव मंदिर और उसके सामने बने पार्क ‘शिव वाटिका’ का निर्माण कॉलोनी के निवासियों ने अपने संसाधनों से कराया है।
मंदिर निर्माण में मुस्लिम समुदाय का मिला सहयोग
राकेश तिवारी ने बताया कि मंदिर के निर्माण में कॉलोनी के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अहम योगदान दिया है और वे इसके निर्माण में आने वाली हर मुश्किल का सामना करने में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। शिव वाटिका नाम भी यहां के एक मुस्लिम भाई ने ही दिया है। कॉलोनी के मुस्लिम भाई यहां होने वाले बड़ा मंगल के भंडारे, दशहरा और माता रानी का जागरण जैसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह भाईचारा ही सदियों से हमारे देश की खूबसूरती रहा है। इफ्तार कार्यक्रम में रोजेदारों के लिए दरी बिछवाने से लेकर इफ्तारी लगवाने तक के काम में सूरज तिवारी, आलोक तिवारी और वंश समेत कॉलोनी के अनेक बच्चों ने पूरी लगन और मेहनत से काम किया।
सोसाइटी के सचिव आरिफ अली सिद्दीकी ने कहा कि भगवान शिव के मंदिर के सानिध्य में रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन और उसमें कालोनी तथा आसपास के निवासियों का बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना को चरितार्थ करता है। उन्होंने बताया कि शिव वाटिका में रोजा इफ्तार और नमाज के बाद मंदिर में पंडित उमेश मिश्रा की अगुवाई में आरती का आयोजन किया गया जिसमें मुस्लिम समाज के सदस्यों ने भी हाजिरी दी। सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य शिवकुमार सिंह ने कहा कि धरती पर आए सभी नर नारी एक ही परमपिता परमेश्वर की संतान हैं। भले ही उनकी पूजा पद्धति अलग-अलग हो। मानवता की जीत इसी में है कि हम सभी एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का आदर करें। यही संदेश देने के लिए शिव वाटिका में रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।