जिले गोआश्रयों की पुनरोद्धार और व्यवस्था को लेकर डीएम विशाल भारद्वाज की पहल पर आर्थिक अंशदान का अभियान चल रहा है अब तक करीब सवा तीन लाख रुपए गो आश्रय समिति के खाते में भी जा चुके हैं। वहीं स्थानीय लोगों की तरफ से भी करीब सवा सौ कुंतल भूसे की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा शासन की तरफ से पहले से जारी आर्थिक मदद भी चल रही है लेकिन इसके बाद भी गो आश्रय स्थल पर व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं। आजमगढ़ के मुबारकपुर क्षेत्र अंतर्गत शाहगढ़ स्थित कान्हा को आश्रय स्थल में 2 दिन के भीतर 2 गो वंशीय की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा है। आश्रय स्थल पर नायब तहसीलदार हिसामुद्दीन फरीदी, बीडीओ बाबू रामपाल ने अलग-अलग निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अन्य बीमार पशुओं के उपचार व देखभाल करने की जरूरी टिप्स दिए। शुक्रवार को गाय की मौत हुई थी जबकि बछिया की रविवार को हुई। स्थानीय लोगों की माने तो यहां पर आश्रय स्थल के स्थानीय कर्मी लापरवाही बरतते हैं। यहां पर कहा जा रहा है कि गाय के मरने के 12 घंटे बाद दफन किया गया लेकिन इस पर किसी को जवाब नहीं देते बन रहा है। कुछ माह पहले भी ऐसी स्थिति बनी थी जब मवेशी मरने के कई घंटे तक यूं ही पड़े रहे|