स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर नवीनतम ज्ञान और कौशल प्रदान करने से लैस हों- डाॅ. तन्मय घटक
लखनऊ। इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईएससीसीएम), लखनऊ ने गुणवत्ता सेल, अस्पताल प्रशासन विभाग, एसजीपीजीआई के सहयोग से 14 और 15 मई 2024 को दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल गुणवत्ता में नवीनतम प्रथाओं और मानको के विषय में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच ज्ञान और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
स्वास्थ्य देखभाल गुणवत्ता में स्वास्थ्य देखभाल की प्रभावशीलता, दक्षता, समानता, रोगी-केंद्रितता, सुरक्षा और समयबद्धता सहित विभिन्न आयाम शामिल हैं। स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें निरंतर निगरानी और मूल्यांकन, सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन और गुणवत्ता सुधार पहलों का कार्यान्वयन शामिल है।
टेलीमेडिसिन तकनीक के माध्यम से आयोजित वेबिनार का उद्घाटन डाॅ आर. हर्षवर्धन, विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन, प्रो. संजय धीराज, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, एसजीपीजीआई, डॉ. प्रेरणा कपूर, वरिष्ठ चिकित्सक, सामान्य अस्पताल और सीएनओ, एसजीपीजीआई सुश्री उषा टेकरी द्वारा किया गया।
वेबिनार में आईएससीसीएम लखनऊ के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष डॉ. तन्मय घटक ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए निरंतर शिक्षा और जागरूकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर नवीनतम ज्ञान और कौशल प्रदान करने से लैस हों। मरीजों को उच्चतम गुणवत्ता की देखभाल प्रदान करना यह वेबिनार उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
वेबिनार में अभिषेक बेरा, पियरलेस हॉस्पिटल, कोलकाता द्वारा स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता का अवलोकन, डॉ. सुभ्रोज्योति भौमिक, पीयरलेस हॉस्पिटल, कोलकाता द्वारा अस्पताल में फार्माकोविजिलेंस, पुणे के डॉ. कपिल जिरपे द्वारा दवा त्रुटियों को कम करना और रोगी सुरक्षा में सुधार पर कई वैज्ञानिक समर्पित व्याख्यान दिए गए। डॉ जीत पटवारी गुवाहाटी असम ने ग्रीन हॉस्पिटल अवधारणा पर महत्वपूर्ण संबोधन दिया।
वेबिनार में जुइन दत्ता घोष, आयोजन सचिव, नर्सिंग अधिकारी, गुणवत्ता सेल, अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य देखभाल मानकों में सुधार और स्वास्थ्य देखभाल में गुणवत्ता और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने वाली शैक्षिक पहल पर प्रकाश डाला।
वेबिनार के दूसरे दिन शनिवार को प्रो. मोनोदीप सेन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, आरएमएल, लखनऊ ने एंटीबायोटिक स्टीवर्डशिप पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. के.जे मारियादास, चिकित्सा भौतिक विज्ञानी, मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, लखनऊ ने विकिरण सुरक्षा (तैयारी और सुरक्षा) पर अपनी बात रखी।
नर्सिंग प्रभाग के प्रो. शंपा सरकार, वेस्टबैंक नर्सिंग कॉलेज, कोलकाता की प्रिंसिपल, निपिन कलाल, सहायक प्रो. एम्स, जोधपुर, पापिया सरकार, मुरुगन अस्पताल, चेन्नई से नर्सिंग अधीक्षक, कल्पना लोधी, शिक्षण संकाय, आरएमएल, दिल्ली और आरएमएल, दिल्ली के आपदा विशेषज्ञ श्री महेंद्र सिंह ने आपदा प्रबंधन, दर्द मूल्यांकन, नर्सिंग ऑडिट, गुणवत्ता संकेतक जैसे अपने डोमेन पर अपनी विचार व्यक्त किये। डॉ. सौमित्र मिश्रा, वैज्ञानिक सचिव और डॉ. उत्सव आनंद मणि, सहायक प्रोफेसर इमेरजेन्सी मेडिसिन विभाग, एसजीपीजीआई ने भी वेबिनार में अपनी बात प्रमुखता से रखी।