दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-यूजी 2024 को रद्द करने और पांच मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं की शीर्ष अदालत की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने अपील की गई है।इस परीक्षा में शामिल हुए 20 छात्रों द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य को परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की भी अपील की गई है। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक)-2024 को लेकर सवाल उठाने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा था। नयी याचिका में कहा गया है कि व्यापक अनियमितताओं और धांधली को देखते हुए पुन: परीक्षा से केवल योज्ञ छात्रों को चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश पाने में मदद मिलेगी। अधिवक्ता धीरज सिंह के माध्यम से दाखिल की गई याचिका में कहा गया, मीडिया की खबरों के अनुसार प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है ऐसे में परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़े होते हैं। इसमें कहा गया कि एनटीए द्वारा घोषित परिणाम से पता चला है कि 67 उम्मीदवारों को 720 में से 720 अंक मिले हैं। इसमें कहा गया, उपरोक्त अनियमितताओं की सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी या इस न्यायालय की देखरेख में समिति द्वारा गहन जांच की जानी आवश्यक है, ताकि बड़ी संख्या में मेधावी छात्रों के साथ न्याय हो सके….। याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को न्यायालय की निगरानी में शैक्षणिक पृष्ठभूमि की पड़ताल, फॉरेंसिक विश्लेषण और 620 तथा उससे अधिक अंक पाने वाले सभी उम्मीदवारों केसंबंध में जांच करने सहित परीक्षा बाद विश्लेषण का निर्देश दिया जाए।केंद्र और एनटीए ने बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत को बताया था कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले।,563 उम्मीदवारों के कृपांक रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए कृपांक को छोड़ने का विकल्प होगा। यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण परिणाम चार जून को घोषित कर दिए गये। बिहार में प्रश्नपत्र लीक होने तथा इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इन आरोपों को लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई। कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। नीट-यूजी 2024 परीक्षा में 67 छात्रों को 720 अंकों में से पूरे अंक मिले हैं जो कि नीट के इतिहास में अभी तक नहीं हुआ। इनमें से छह छात्रों ने हरियाणा के एक ही केंद्र पर परीक्षा दी थी जिसके बाद संदेह पैदा होने लगा। नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा किया जाता है।