Thursday, November 21, 2024

आजमगढ़ लोकसभा से बीएसपी बना सकती है!! इस बाहुबली को प्रत्याशी

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आजमगढ़ से इस दिग्गज पर दांव लगा सकती है BSP..

आजमगढ़। पूरे देश में 18वीं लोकसभा का बिगुल बज चुका है । तो वही आजमगढ़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव के प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र यादव को फिर से प्रत्याशी बनाया है जबकि भारतीय जनता पार्टी में अपने विजेता सांसद पर भरोसा जताते हुए फिर से प्रत्याशी बनाया है।
अभी तक बहुजन समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन चर्चाओं का दौर जारी। बहुजन समाज पार्टी आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपने पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी को एक बार फिर प्रत्याशी बना सकती है। सूत्रों की मानें तो अकबर अहमद डंपी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच बात लगभग फाइनल हो गई है। अकबर अहमद डंपी आजमगढ़ लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। इस बात को और बल मिलता है कि अकबर अहमद डंपी 28 मार्च को लखनऊ पहुंच रहे हैं और लखनऊ में ही टिकट को लेकर अंतिम निर्णय होना है।
अकबर अहमद डंपी मूल रूप से आजमगढ़ जिले की आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र के बिंदवल गांव के रहने वाले हैं। इनके दादा, सर इकबाल अहमद अंग्रेजी शासन काल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। इनके पिता इस्लाम अहमद उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख रहे थे। अकबर अहमद डंपी ने इंग्लैंड से चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी की है। अकबर अहमद डंपी संजय गांधी के गरीबी दोस्तों में रहे है। संजय गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार और मेनका गांधी के बीच हुए मतभेद के बाद अकबर अहमद डंपी ने मेनका गांधी का खुलकर साथ दिया। मेनका गांधी के साथ मिलकर अकबर अहमद डंपी ने संजय विचार मंच का गठन किया और लंबे समय तक संजय विचार मंच के जरिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे। मेनका गांधी का खुलकर साथ देने की वजह से अकबर अहमद डंपी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था।

 

आपको बताते हैं चलें की अकबर अहमद डंपी ने पहली बार 1996 में तिवारी कांग्रेस के टिकट पर आजमगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में वे चुनाव हार गए। इसके बाद अकबर अहमद डंपी ने बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और उन्होंने 1998 का लोकसभा चुनाव बसपा की टिकट पर लड़ा। इस चुनाव में अकबर अहमद डंपी 5365 वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के अकबर अहमद डंपी सपा के रमाकांत यादव से चुनाव हार गए थे। यदि अकबर अहमद डंपी आजमगढ़ लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी बनते हैं तो निश्चित रूप से वह मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर आजमगढ़ में 2024 का लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय बना देंगे। जिसके चलते समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है ।।

 

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