बड़ों में ही नहीं, बच्चों में भी होता है कैंसर

Health INTERNATIONAL उत्तर प्रदेश

विश्वभर में प्रतिदिन 1000 से ज़्यादा कैंसर बच्चों में पाये जाते हैं

लखनऊ। विश्वभर में हर दिन 1000 से ज्यादा कैंसर के मामले बच्चों में देखने को मिलते हैं। इस बीमारी को लेकर जागरुक करने के लिए हर वर्ष 15 फ़रवरी को इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे (प्ब्ब्क्)मनाया जाता है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं क्योंकि ये जानलेवा होती है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही अक्सर लोग घबरा जाते हैं क्योंकि ये जानलेवा होती है। इस जानलेवा बीमारी से घबराने का मुख्य कारण इसका देर से पता चलना माना जाता है। जब पता चलता है तब तक काफ़ी देर हो जाती है तब तक मरीज़ों की स्थिति बिगड़ जाती है। आमतौर पर कैंसर की बीतारी बड़ी उम्र के लोगों में पायी जाती है लेकिन बच्चे भी इस बीमारी का शिकार होते हैं।


बच्चों में ज़्यादातर ल्यूकेमिया, ब्रेन कैंसर, लिम्फोमा और सॉलिड ट्यूमर जैसे न्यूरोब्लास्टोमा और विल्म्स ट्यूमर आदि देखने को मिलते हैं। ल्यूकेमिया बच्चों में होने वाला ल्यूकेमिया सबसे आम कैंसर है। कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए बृहस्पतिवार 15 फ़रवरी को एसजीपीजीआई में भी अंतर्राष्ट्रीय बचपन कैंसर दिवस (प्ब्ब्क्) के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के बाल चिकित्सा सर्जिकल सुपरस्पेशलिटी विभाग ने बचपन के कैंसर में जागरूकता बढ़ाने के लिए रैली का आयोजन किया और कैंसर से पीड़ित बच्चों और किशोरों तथा उनके परिवारों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
कार्यक्रम का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. बसंत कुमार एवं अन्य सभी संकाय सदस्यों द्वारा किया गया। संस्थान के निदेशक पदम्श्री प्रो आर के धीमन ने कहा कि कैंसर से पीड़ित सभी बच्चे रोग के शीघ्र निदान, त्वरित उपचार और समग्र देखभाल के पात्र हैं।
बचपन की कैंसर जागरूकता रैली पीएमएसवाई से शुरू हुई जिसमें प्रशासनिक ब्लॉक, मुख्य ओपीडी, मुख्य द्वार आदि सहित पूरे एसजीपीजीआई अस्पताल परिसर को कवर किया गया। इसका नेतृत्व विभाग की डॉ. अंजू वर्मा, डॉ. पूजा कन्नेगंती, रीता आर्य (एएनएस) और एसएनओ, धान्या, किरण, नीतू, अपूर्वा, शबनम, अनामिका, दीक्षा, श्रवण और नर्सिंग ऑफिसर ईएनए शीतल, हरिओम और मीना ने किया।
सभी विभागीय संकाय, रेजिडेन्ट चिकित्सकों, और एसजीपीजीआई कॉलेज ऑफ नर्सिंग के 50 से अधिक छात्रों के साथ आम जनता, रोगियों और उनके परिचारकों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। रैली के अंत में पीडियाट्रिक सर्जिकल सुपरस्पेशलिटीज विभाग के अध्यक्ष प्रो. बसंत कुमार ने समय पर सटीक निदान, प्रभावी उपचार, बहु-विषयक देखभाल, उपशामक और सहायक देखभाल, पारिवारिक सहायता, कैंसर रजिस्ट्री और पुनर्वास आदि के बारे में बताया।
कैंसर से पीड़ित जिन बच्चों की निदान सही प्रकार से हो गया उन बच्चों के माता-पिता ने एसजीपीजीआई, लखनऊ में उपचार और प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बेहतर इलाज के लिए कैंसर के शीघ्र निदान के बारे में भी बात की।

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