लखनऊ 27 मई 2023
लखनऊ। आज नई संसद बनाई है,कल नया संविधान बनायेंगें, आज संसद पुरानी बताई है, कल बाबा साहेब के बनाए संविधान को पुराना बताएंगे इसीलिए राजदंड के प्रतीक सैंगोल जो राजतंत्र के समय की व्यवस्था थी, उसे धर्म की आड़ में संसद में स्थापित किया जा रहा है क्योंकि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना बलिदान और शहादतें देकर इसी राजतंत्र और ब्रिटिश हुकूमत दोनों की गुलामी से मुक्ति पाने की लड़ाई लड़ी, जिसमें RSS शामिल नही था, आज उसी को भाजपा और संघ अपनी लोकतंत्र विरोधी और राजतंत समर्थक मानसिकता के चलते संसद में स्थापित कर रहें हैं, यह सब मनुवादी RSS के इशारे पर किया जा रहा है,
सेंगोल जो राजतंत्र में न्याय व्यवस्था का प्रतीक था हमने उसके बदले देश में आजादी मिलने के बाद संवैधानिक न्याय व्यवस्था कायम की।
आज भाजपा पुनः लोकतंत्र को बदल राजतंत्र स्थापित करने की तैयारी कर रही है, देश के लोगों को अब इस बात को सोचना होगा कि उन्हें अपने अधिकार वाले संविधान और लोकतंत्र की जरुरत है या गुलामी के राजतंत्र जहां आम आदमी के कोई अधिकार नही होते जहां आवाज उठाने – सवाल करने की आजादी और अधिकार नही होते जिसकी बानगी भाजपा सरकार में दिखती रहती है,कांग्रेस शुरू से इस बात को लेकर जनता को जागरुक कर रही है,अब जनता को तय करना है।