पुणे स्थित एक ऑर्गेनाइजेशन ने एक सर्वे रिपोर्ट में दावा किया है कि सेम सेक्स मैरिज नेचर के खिलाफ है और अगर इसे मान्यता दी जाती है तो इसका हमारे समाज पर गलत असर पड़ेगा। दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस तरह के विवाहों को वैध बनाने से समाज में अराजकता पैदा होगी।
सर्वे करने वाली संस्था ने देशभर में 13 भाषाओं में 57,614 लोगों से उनकी राय पूछी। राय देने वालों को चार ग्रुप्स में बांटा गया था और ये पुरुष महिला और थर्ड जेंडर वाले लोग थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो आंकड़े इकठ्ठा किए गए उसके अनुसार अधिकांश लोगों ने सेम सेक्स मैरिज को समाज में स्वीकारने से मना कर दिया। ज्यादातर लोगों का मानना है कि सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से भारतीय समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक (26,525) प्रतिक्रियाएं 41-60 साल आयु वर्ग के लोगों से आईं। इसके बाद 26-40 आयु वर्ग में 16, 284 और 18-25 आयु वर्ग में 6,068 थीं। इनमें से 83.9% लोगों ने सेम सेक्स मैरिज के मुद्दे को देश में चिंताजनक माना। वहीं 91% लोगों का कहना है कि सेम सेक्स को मान्यता देना सही नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो सोचते हैं कि सेम सेक्स मैरिज वास्तव में नेचर के अगेंस्ट है बल्कि यह प्राकृतिक व्यवस्था के संतुलन को बिगाड़ता है। कम से कम 75% लोगों का मानना है कि सेम सेक्स प्राकृतिक घटना नहीं हैं।