जहां एक तरफ से योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों की मदद और उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है तो वहीं आजमगढ़ में कुछ ऐसे गरीब अभी भी हैं जिनके हालात देखकर आपके आंखों में आंसू आ जाएंगे कड़ाके की ठंड में बेवशी के आलम ने किस तरह झुग्गियों में झोपड़ियों में कपड़े डालकर रहने को मजबूर हैं यह गरीब।
यह पूरा मामला है आजमगढ़ के जहानागंज ब्लॉक स्थित बड़हलगंज ग्राम सभा का जहां ग्रामीणों द्वारा महिला प्रधान को चुना गया लेकिन सारा काम प्रधान प्रतिनिधि करते हैं और प्रतिनिधि साहब का जीतने के बाद ऐसा काम किया है कि गांव के गरीब इन हालातों में रहने के लिए मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है की प्रधान के पति यानी प्रधान प्रतिनिधि महबुब आलम गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं वही गांव की मलिन बस्ती में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जहां आपकी आंखें नम हो जाए यहां छोटे-छोटे बच्चों के साथ ग्रामीण कपड़ों की बनाई गई झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं इन गरीब लोगों का कहना है प्रधान पति उनकी बातों को सिरे से खारिज कर देते हैं हर बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती बार-बार ब्लॉक बीडीओ, एडीओ सक्रेटरी के ऑफिसों के दरवाजों के चक्कर लगा लगा कर यह गरीब थक चुके हैं। लेकिन यहाँ के ब्लॉक के अधिकारी, कर्मचारी और प्रधान पति कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं यूँ तो योगी सरकार द्वारा गरीबों के लिए तमाम महत्वाकांक्षी योजनाओं हैं लेकिन इस गांव में इन योजनाओं को ठेंगा दिखाकर सिरे से नकार कर, सरकार की नकारात्मक छवि गरीबों के बीच में प्रस्तुत की जा रही अब हैं ऐसे में गरीबों का कहना है कि ये सभी लोग सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं अभी तक इनकी मलिन बस्तियों में ना ही इंडिया मारका मशीन ना ही को शौचालय ना ही आवास और ना ही फ्री राशन की सुविधा मुहैया हो पाई है ।।
तो एक बड़ा सवाल है यहां का सेक्रेटरी एडीओ और ग्राम प्रधान आखिर करता क्या है अगर ऐसे ही प्रधान और कर्मचारी ऐसे रवैये से काम करते रहे तो सरकार की छवि लोगों में खराब बनेगी और सरकार के बदनाम होने से गरीबों के बीच सरकार के प्रति नकारात्मकता की धारणा उत्पन्न हो सकती है ।तो हम इस खबर के माध्यम से उच्चाधिकारियों से निवेदन करेंगे कि इन गरीबों के हित में कुछ कार्य करें और आलसी कर्मचारियों को निर्देश दे। ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ इन गरीबों तक भी पहुंच सके।