आज़मगढ़: जनपद में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए को लेकर फंस रहे हैं बार-बार पेंच
बताते चलें कि आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय की घोषणा 2 वर्ष पूर्व योगी सरकार में की गई थी लेकिन अभी तक आजमगढ़ में विश्व राज्य विश्वविद्यालय के लिए भूमि तक तलाशी नहीं जा सकी, वहीं अधिकारियों की बात करें तो अभी तक अधिकारियों ने चार भूमि चिन्हित की है लेकिन एक भी भूमि को राज्य विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृति नहीं दिला पाये, लगातार दो वर्षो से खींचातानी के बीच राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना में पेच फंसा हुआ है
वही राज्य विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर आज फिर एक बार मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बैठक की गई जिसमें जिलाधिकारी समेत विभागीय अधिकारी सम्मिलित रहे जिसमें भूमि की मानकों के बारे में विस्तार से जानकारी आदान प्रदान की गई। वहीं अगर राजनीतिक तौर पर देखें तो 2 वर्ष में क्या आज़मगढ़ के अधिकारी एक भूमि तलाशने का काम पूरा नहीं कर सके ।
तो यह साफ तौर पर जाहिर होता है कि आजमगढ़ में बनने वाला राज्य विश्वविद्यालय किसी बड़े दबाव का शिकार हो रहा है और आजमगढ़ की जनता को राज्य विश्वविद्यालय के नाम पर वोटबैंक बनाने की कोशिश की जा रही है, राज्य विश्वविद्यालय 2 वर्ष पूर्व घोषणा होने के बाद भी अभी तक जमीन ना खोजे जाने से साफ जाहिर होता है कि आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय भी राजनीति का एक हिस्सा है और लोगों को लुभाने के लिए इसे जनता के बीच में घोषित कर दिया गया लेकिन अभी तक जमीन ही निश्चित ना जा सकी,तो निर्माण क्या कैसे होगा,
अब देखने वाली बात होगी कि फिर एक बार अधिकारियों की बैठक के बाद क्या जमीन सुनिश्चित की जा सकेगी या फिर इस बैठक के बाद भी रिजल्ट शुन्य ही रहेगा, वहीं सूत्रों की मानें तो 2022 का चुनाव नजदीक आ चुका है जिसको लेकर फिर एक बार यु0पी0 सरकार अधिकारियों को निर्देशित कर लोगों का मन बदलने की फेर में लगी हुई है और राज्य विश्वविद्यालय के नाम पर आजमगढ़ की जनता का वोट अपनी तरफ आकर्षित करने में सरकार प्रयासरत है।
u
Beuro report
The global news