उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण पास हुए है।
यूपी कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्ताव आये थे, जिसमें 15 पास हुए और एक स्थगित किया गया है।
परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल के सिपाही अब समूह घ नहीं बल्कि समूह ग के अंतर्गत भर्ती किए जाएंगे। साथ ही इस भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता को बढ़ाकर इंटरमीडिएट कर दिया गया है।
इसके अलावा प्रवर्तन दल के सिपाहियों की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा। जिसके बाद से इस व्यवस्था से सिपाहियों को प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा और उनका वेतन भी बढ़ जाएगा।
योगी कैबिनेट ने लखनऊ PGI में कर्मचारियों के सातवें वेतनमान को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इससे करीब 1800 कर्मचारियों को फायदा होगा। एसजीपीजीआई में सातवां वेतनमान लागू होने के बाद भी कई भत्ते नहीं दिए जा रहे थे। एसजीपीजीआई के कर्मचारी लगातार पेशेंट केयर भत्ता, वर्दी भत्ता सहित अन्य भक्तों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। एसजीपीजीआई प्रशासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसके बाद भी कर्मचारियों ने अनशन शुरू कर दिया था। कैबिनेट की बैठक में विभिन्न भत्तों के भुगतान से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
राज्य के 62 जिलों में 2100 नलकूप को लगाया जाएगा,
इतना ही नहीं, गृह विभाग और परिवहन विभाग के 2 प्रस्तावों को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूदी दी गई है। परिवहन विभाग में अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाएंगे। सिमुलेटर पर टेस्ट देने के बाद ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
राज्य के 62 जनपदों में 2100 नलकूप लगाए जाएंगे। इससे लघु और सीमांत किसानों को सीधा फ़ायदा होगा। एक नलकूप 50 हेक्टेयर खेत की सिंचाई कर सकेगा। जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में राज्य अध्यापक पुरस्कार व्यवस्था में भी बदलाव किया गया। अभी इसके मानक तय किए जा रहे हैं।
नई व्यवस्था के अनुसार, नई तारीख तय की जाएगी। 18 पुरस्कार में से 2 प्रधानाध्यापक, 2 प्रधानाचार्य और बाकि अन्य अध्यापकों को दिए जाएंगे। आपराधिक पृष्ठ भूमि के लिए LIU की रिपोर्ट भी लगेगी। राजकीय महाविद्यालय में अलग-अलग विभागों में 10,000 पदों का सृजन किया जाएगा। इसमें 9 करोड़ का बजट खर्च होगा। राज्य सरकार ने खराब मानसून को देखते हुए कोरिया (सरसों की प्रजाति) के मिनी पैकेट वितरित करने का फैसला किया है। इसमें 4 करोड़ संतावन लाख 60 हजार रुपए खर्च होंगे। जिसमें किसानों को पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर वितरित किया जाएगा।