दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार एवं बढ़ते उत्पीड़न को रोकने में योगी सरकार नाकाम- तनुज पुनिया

Politics उत्तर प्रदेश

उप्र में दलितों के खिलाफ आय दिन हो रहे जघन्य अपराध बदस्तूर जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन, सांसद तनुज पुनिया ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदेश में लगातार दलितों के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सांसद तनुज पुनिया ने बताय कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ बर्बरीयत बढ़ती जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है मानो योगी सरकार में दलित होना ही एक अपराध हो गया है। उन्होंने कहा कि एन.सी.आर.बी. के आकड़े जो दिसंबर 2023 में जारी हुए थे के मुताबिक पूरे देश में दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गये। वर्ष 2022 में अनुसूचित जातियों के लिए कानून के तहत 51656 मामलों में से, उप्र में 12287 मामले दर्ज हुए थे।

तनुज पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराध बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने मेरठ घटना का हवाला देते हुए कहा कि जो सामाजिक अपराध होने बंद हो चुके थे, वह इस सरकार में पुनः होने लगे हैं। जैसे दलित की बारात न उठने देना, दूल्हे का घोडे़ चढ़ने पर एतराज, मूंछ रखने न देना, जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। मेरठ के कालिंदी गांव में 1 मार्च 2025 को गांव की ठाकुर बिरादरी के दबंगों द्वारा दलित की बारात पर हमला किया गया। दूल्हे के भाई संदीप को मारा पीटा गया, दूल्हे को अपमानित कर सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट और कैश लूट लिया गया। दबंग भाजपा की झंडा लगी हुई गाड़ी से आए थे जो बरातियों में से कई लोगों को अपमानित और घायल कर गए। गांव में एक माह पहले भी प्रजापति परिवार की बारात के लोगों को भी दबंगों द्वारा पीटा गया था। ऐसी ही एक घटना 21 फरवरी 2025 को मथुरा के करनावल गांव में हुई जहां पर राजस्थान के डींग जिले के खेड़ा गांव से दो दलित युवकों की बारात आई थी। दुल्हनें ब्यूटी पार्लर से घर लौट रही थीं, तभी बाइक सवार कुछ युवकों से विवाद हो गया। इसके बाद दबंगों ने अपने साथियों के साथ मिलकर दुल्हनों और बारातियों के साथ मारपीट की। हमलावरों ने दूल्हे के पिता का सिर फोड़ दिया, जिसके बाद दूल्हा पक्ष रिश्ता तोड़कर वापस लौट गया।पुनिया ने हाल फिलहाल उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हुए प्रमुख अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि 1 मार्च को जिला कासगंज के सिकंदरपुर वैश्य थाना अंतर्गत दबंगों द्वारा एक दलित परिवार के व्यक्ति की हत्या कर दी गई। रायबरेली के डलमऊ थाना क्षेत्र के रजौली गांव में एक दलित युवती को गांव के तीन युवकों ने तमंचे की नोक पर अगवा करके दुष्कर्म किया और बेहोशी की हालत में युवती को नग्न अवस्था में घर के बाहर फेंक कर भाग गए, जनपद कासगंज जिले के थाना सहावर क्षेत्र में दलित युवाओं के सीने पर जाटव लिखा देखकर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित दबंग गुंडो ने उनकी बर्बरता पूर्वक पिटाई की, संभल के एसएम डिग्री कॉलेज में प्राचार्य ने दलित महिला असिस्टेंट प्रोफेसर से जबरन शारीरिक शोषण किया, सहसपुर देवबंद थाना क्षेत्र के ग्राम भापला खुर्द में एक 12 वर्षीय दलित बालक प्रिंस का अपहरण करने के बाद सिर कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई, 31 जनवरी को एक दलित लड़की की जघन्य हत्या अयोध्या के सहनवान में हुई।

तनुज पुनिया ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में एक तरफ जहां दलित अपनी रोजी -रोटी के लिए परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण पर भी इस सरकार की कुदृष्टि है। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में जिस प्रकार आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हुआ और कोर्ट के दो-दो आदेशों के बावजूद सरकार द्वारा उनका पालन न करना दलित एवं आरक्षण विरोधी मंशा को उजागर करता है।

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