अपने क्षेत्र में खुद को छात्र समझकर सीखना ही कामयाबी की कुंजी है- कुंवर मानवेन्द्र सिंह
लखनऊ। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के 16वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने छात्र-छात्राओं को बुलंदी पर पहुंचने की कुजी देते हुए कहा कि सभी छात्र-छात्रओं को चाहिए कि सीखने की अपनी आदत को हमेशा बनाये रखें। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में सदैव सीखते रहना प्रगति की कुंजी है। दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी छात्र-छात्रओं को भाई-बहन से संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि उन्हें समाजसेवा और राजनीति के क्षेत्र में काम करते हुए करीब 45 वर्ष हो गये हैं।
राजनीति में बड़े पदों पर रहने का भी अवसर मिला है लेकिन उसके बाद भी मैं स्वयं को इस क्षेत्र का विद्यार्थी ही मानता हूं। दीक्षातं समारोह के अवसर पर 177 छात्र-छात्राओं को डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी। इसके अलावा परास्नातक के 1075 और स्नातक के 2389 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां वितरित की गयीं।
इस मौके पर उपस्थित सभी छात्र-छात्रओं से अपील करते हुए श्री सिंह ने कहा अपने क्षेत्र में चाहे जितनी बुलंदी पर पहुंच जाएं लेकिन खुद को छात्र ही समझें। जब तक आपको लगेगा कि हम जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उसके छात्र ही हैं, तब तक आपके पास आगे बढ़ने के रास्ते होंगे। जब आपको लगेगा कि हम तो मास्टर हो गये, तो फिर आपके पास आगे बढ़ने के रास्ते बंद हो जाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय से विभिन्न उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा, ‘भारत युवाओं का देश है। देश की युवा शक्ति होने के नाते आपका ज्ञान, कौशल एवं आपकी मेधा शक्ति देश के आर्थिक विकास की संवाहक बनेगी।’
समारोह के विशिष्ट अतिथि योजना आयोग के पूर्व सदस्य तथा हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. अरुण मायरा ने देश के आर्थिक विकास में युवाओं की संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दूसरों को खुले जहन से सुनना किसी भी शिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रम की बुनियादी जरूरत है। उन्होंने छात्र-छात्रओं से और भी ज्यादा संवेदनशील बनने की सलाह देते हुए कहा कि समस्याओं को खुले जहन से सुनने, समझने और उनका हल निकालने की योग्यता पैदा करें। ऐसा होने से ही वे समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे।
इस मौके पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के संस्थापक और कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने छात्र-छात्राओं को मिली उपाधियों को समाज में योगदान करने की उनकी जिम्मेदारी करार देते हुए उम्मीद जतायी कि ये डिग्रियां हासिल करने वाले विद्यार्थी अपने देश के विकास के प्रति अपने दायित्व को पूरी संजीदगी से निभाएंगे। कार्यक्रम को संस्थान के कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने भी सम्बोधित किया।