प्रयागराज महाकुंभ 2025 उ.प्र.सरकार की अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का शिकार 

Politics उत्तर प्रदेश

समय आने पर प्रमाण और तथ्य के साथ रखूंगा अपनी बात- उज्जवल रमण सिंह

लखनऊ। समाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में मशहूर प्रयागराज इन दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा फैली अव्यवस्थाओं तथा भ्रष्टाचार का षिकार हो गया है। साधु संतों शंख और भजन की जगह वीआईपी मूवमेंट में चल रही दर्जनों गाड़ियों की हूटर ने ले ली है। महाकुंभ पूरी तरह से वीआईपी कल्चर में डूब गया है। प्रयागराज से कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उप्र की योगी तथा केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ समापन के बाद उचित समय पर प्रमाण और तथ्य के साथ एक बार फिर अपनी बात रखूंगा साथ ही संसद में भी महाकुंभ में फैली अव्यवस्था तथा भ्रष्टाचार को उजागर करूंगा। सरकार ने महाकुंभ को लेकर घोषणाएं तो बहुत की लेकिन धरातल पर सारी घोषणाएं खोखली निकलीं।

सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सरकार को भ्रष्टाचार पर घेरते हुए कहा कि महाकुंभ में न तो उचित खाने की व्यवस्था है न ही पानी एवं शौचालय की व्यवस्था है। इस कड़ाके की ठंड में श्रद्धालुओं को खुले आसमान में सोने पर मजबूर होना पड़ रहा है। महाकुंभ को राजनीतिक कुंभ में तब्दील कर दिया गया है। अधिकारी महाकुंभ में आने वाले वीआईपी की देखभाल तथा चाटूकारिता में जुटे हैं इधर श्रद्धालुओं को 20-20 किमी. तक पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पूरे प्रयागराज में जाम की ऐसी स्थिति बनी हुई है कि स्थानीय लोगों को आने-जाने में घंटो जाम से जूझना पड़ रहा है।

सांसद उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार की नींव का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सारे ठेके गुजरात की उन कंपनियों को दे दिया गया है जिन्हें कुंभ पर काम करने का कोई अनुभव नहीं है। जो आंकड़े दिखाये या बताये जा रहे हैं, वो सब फर्जी हैं क्योंकि महाकुंभ के नाम पर लिये गए करोड़ों की रकम पर भ्रष्टाचार जो करना है। उन्होंने कहा कि 2019 के कुंभ में भाजपा सरकार द्वारा कहा गया था कि कि महाकुंभ 2025 तक मेट्रो चलने लगेगी,

लेकिन मेट्रो का अब तक डीपीआर तक नहीं बन सका है। सरकार ने कहा था कि गंगा नदी पर छह लेन पुल कुंभ से पहले बनकर तैयार हो जाएगा, यह घोषणा तो योगी सरकार ने किया था पर वो भी अधूरा रह गया। हालत यह है कि तीर्थ पुरोहित, कल्पवासियों की सुविधाओं में कटौती कर दी गई है, तीर्थ पुरोहितों को संगम से दूर पूजा स्थल आवंटित किया गया है जिस वजह से श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

सांसद उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते रेलवे स्टेशन से लाखों की संख्या में स्नानार्थी पैदल चले आ रहे हैं जिसमें बच्चे बुढ़े महिलाएं षामिल हैं। न उनके पीने के पानी की व्यवस्था है न ही सुलभ शौचालय, विश्रामालय की कोई व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा की महाकुंभ में कैबिनेट मीटिंग कर धार्मिक और आस्था के आयोजन में राजनैतिक संदेश दिया जा रहा है लेकिन इससे प्रयागराज को कोई लाभं नहीं मिला। जिस रिफाइनरी का शिलान्यास हुआ था,वह भी आंध्र प्रदेश चली गई।

सांसद उज्जवल रमण सिंह ने योगी सरकार को महाकुंभ में फैली अव्यवस्थाओं तथा भ्रष्टाचार को लेकर आगाह करते हुए कहा कि मौनी अमावस्या पर पिछले स्नान से 4 गुणा ज्यादा लोग आएंगे। ऐसे में इसकी तैयारियों को सुनिश्चित् किए जाने की जरूरत है। जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा न हो साथ ही बसंत पंचमी तक वीं आई पी मूवमेंट तथा उनकी एंट्री बंद हो, ताकि आम श्रद्धालुओं को महाकुंभ में स्नान करने का पूरा लाभ मिल सके।

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