आजमगढ़
केंद्र सरकार और राज्य सरकार गरीबों को लेकर उनके सुविधाओं को लगातार बड़े-बड़े वादे करती है,गरीब तबके के लोगों को मुक्त राशन वितरित भी किया जा रहा है।
लेकिन जनपद आजमगढ़ के जिला पूर्ति कार्यालय का कारनामा कुछ अलग ही नजर आ रहा है, ताजा मामला आजमगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के तीन मोहल्लों का सामने आया है। जिसमें तीनों परिवार बड़े ही गरीब व्यक्ति हैं,किसी तरीके से अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन जिला पूर्ति कार्यालय के कर्मचारियों के द्वारा उन्हें जबरन टैक्स पेयर घोषित करके, उनका कार्ड निरस्त कर दिया गया।
आजमगढ़ शहर के मुहल्ला एलवल की निवासी कार्डधारक शकुंतला देवी पत्नी ओमप्रकाश गुप्ता जोकि आटो चलाकर जीवन यापन करते हैं। कार्ड धारक शकुंतला देवी ने बताया कि मैं एक गृहणी हूं। इसके बावजूद मुझे आयकर दाता दिखाकर मेरा राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मेंरा राशन कार्ड मुहल्ला एलवल के कोटेदार केदारनाथ की दुकान पर है। ठीक उसी प्रकार दूसरे कार्डधारक ने बताया कि मैं चाट का ठेला लगाकर परिवार का जीवकोपार्जन करता हूं लेकिन मुझे आयकर दाता दिखाकर मेरा राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मेरे राशन कार्ड के कोटेदार अशोक गुप्ता हैं।उसी प्रकार तीसरे कार्डधारक अच्छेलाल गुप्ता ने बताया कि मैं मुहल्ला फराशटोला का निवासी हूं और मातवरगंज में दोना-पत्तल आदि बेचकर अपना जीवन यापन करता हूं,लेकिन मुझे भी आयकर दाता दिखाकर मेरा राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मेरे कोटेदार सत्यनारायण प्रसाद है। हालांकि इस संबंध में स्थानीय पत्रकार ने जब जिला पूर्ति कार्यालय के अधिकारियों को फोन किया तो उनका फोन नहीं उठा और नहीं वापस कोई फोन आया।
जिससे साफ जाहिर होता है कि जिलापूर्ति कार्यालय के अधिकारी उक्त संदर्भ में बिल्कुल निष्क्रिय हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि उक्त प्रकरण की में सरकार के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है, गरीबों को उनका हक मिलता है या उनके हक के ऊपर ऐसे कोटेदारों और जिलापूर्ति कार्यालय के निकम्मे कर्मचारियों के द्वारा उनका शोषण होता है।