खुर्जा और बुलन्दशहर दोनों विकास प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन करने का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश

Politics State's उत्तर प्रदेश

लखनऊ 13 जून, 2024

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुर्जा और बुलन्दशहर दोनों विकास प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि खुर्जा और बुलन्दशहर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण के रूप में गठित हैं, जबकि दोनों ही विकास प्राधिकारणों में आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरूपता है। पूरा क्षेत्र एक ही जनपद बुलन्दशहर के अन्तर्गत आता है। विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं को बनाने और उनके सुगम क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि दोनों प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी करायी जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने यह निर्देश अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में खुर्जा, बुलन्दशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरणों की जी0आई0एस0 आधारित महायोजना-2031 के प्रस्तुतिकरण के अवलोकन करने के अवसर पर दिए। उन्होंने कहा कि खुर्जा का सिरेमिक उद्योग देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है। वर्ष 2021 में 23 मिलियन यू0एस0 डॉलर मूल्य के सिरेमिक उत्पाद निर्यात किए गए। इस सेक्टर में अभी बहुत सम्भावना है। आवश्यकता है कि इससे जुड़े उद्यमियों, शिल्पियों की अपेक्षाओं के अनुसार सुविधाओं का विस्तार किया जाए तथा उन्हें मार्केट उपलब्ध कराया जाए। इस हेतु सिरेमिक हाट का निर्माण कराया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट खुर्जा के समीप ही है। ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का लाभ भी खुर्जा को मिल रहा है। यह विशेष स्थिति खुर्जा को भविष्य में निर्यात का हब बनने में बड़ी भूमिका निभाएगा। पॉटरी उद्योग के उद्यमियों के लिए एक नए इण्डस्ट्रियल एरिया का विकास भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेण्ट के लिए ठोस कार्ययोजना होनी चाहिए। इसे महायोजना में स्थान दिया जाए। एस0टी0पी0/सी0ई0टी0पी0 का निर्माण कराया जाए। लैण्डफिल साइट पहले से चिन्हित हों। नई तकनीक अपनायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर नगर की महायोजना में हरित क्षेत्र के लिए स्थान आरक्षित हो। जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने दी जाए। सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज किया जाए। किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए। इस सम्बन्ध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद कर आवश्यक कार्यवाही आगे बढ़ाई जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है। ऐसी ही स्थिति काशी, सहारनपुर आदि जनपदों में भी देखी जा सकती है। अभी लखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्यवाही हो रही है। अवैध बसावट को हटा कर उन्हें अन्यत्र पुनर्वासित कराया गया है। इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यवाही की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि नदी बेसिन में कोई बसावट न हो। पुराने तालाबों/पोखरों व अन्य जलाशयों को संरक्षित किया जाए। अतिक्रमण हो तो तत्काल हटाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास किया जाना चाहिए। इनर रिंग रोड्स के बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यावसायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। महायोजना में स्पोर्ट्स सिटी, मेडिसिटी, नॉलेज सिटी, नेचर पार्क, आयुष पार्क आदि का विकास किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महायोजना में शामिल नई कॉलोनी के विकास पर ध्यान दिया जाए। वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो। महायोजना को अन्तिम रूप देते समय यह ध्यान रखा जाए कि यदि कोई धार्मिक स्थान है, तो उसे उसी रूप में दर्ज करें।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नगरों में यातायात प्रबन्धन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। सड़कों के चौड़ीकरण करते समय ड्रेनेज और यूटिलिटी डक्ट की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए। जनसमस्याओं के निस्तारण में तेजी लाएं। नक्शा पास कराने जैसे कार्यों में अनावश्यक विलम्ब न हो। प्राधिकरणों में अच्छे टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। प्राधिकरणों द्वारा अपना दायरा बढ़ाया जाए तथा आय के नए स्रोत सृजित किए जाएं।

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