प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के.शर्मा ने कहा कि देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। योगी सरकार के बनने के बाद शहरों के विकास में तेजी आई है। अब नगरीय निकायों में पार्क से लेकर अंत्येष्टि स्थल तक बनाये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की एक तिहाई आबादी अब शहरों में रहने लगी है। शहरी जीवन में सभी को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त वातावरण तथा व्यवस्थित रूप से संचालित सेवा मिले इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक देश की 05 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में से प्रदेश की 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाना है, इसमें नगरीय निकायों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने आज शहरीकरण के दौर में नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नगरीय निकाय निदेशालय में नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों के साथ परिचर्चा करने के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया, जिसमें नगरों के सर्वांगीण विकास एवं ईज ऑफ लाइफ पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू भी उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यशाला में महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर परिचर्चा करना यह हमारा एक नया प्रयोग है कि विकास कार्यों एवं परियोजनाओं को व्यवस्थित ढंग से कैसे पूरा किया जाए कि इससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि इस संकल्प के साथ काम करना होगा कि यू0पी0 बदलेगा तो देश बदलेगा। हमें प्रदेश के शहरों को आईकॉन शहर के रूप में विकसित करना है, जहां की क्वालिटी ऑफ लाइफ अच्छी हो और लोगों के लिए आकर्षक भी हो।
नगर विकास/उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि बाहर से आने वाला व्यक्ति जब किसी नये शहर में जाता है, तो वहां की साफ-साफाई एवं व्यवस्था देखकर प्रभावित होता है। इसी सोच के साथ हम सभी को विकास कार्यों को आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि आने वाला एक महीना सभी नगरीय निकायों के लिए अधिक से अधिक कार्य करने का है। इस दौरान साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, शहरों में कूड़े-कचरे का ढेर न दिखे इसके प्रयास किये जाएं। लोगों को साफ-सुथरा वातावरण रहने को मिले त्योहारों के समय गंदगी न दिखे। उन्होंने कहा कि गंदगी नाम का शब्द अब शहरों से दूर करना है। इस बार की दीपावली साफ-सुथरे वातावरण में मनाई जाए अभी से इसके प्रयास किये जाएं। दशहरे के बाद गंदगी नामक रावण को जला देना है।
उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश की सभी 756 नगरीय निकायों के विकास कार्यों की रैंकिंग की जायेगी, इसके लिए एक डाटाबेस तैयार किया जाए। 02 अक्टूबर से सभी नगरीय निकायों के किये गये कार्यों का परीक्षण किया जायेगा। उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को प्रदेश का चेहरा बदलने का संकल्प लेकर कार्यशाला से जाने को कहा।
नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान कार्यशाला में डिजिटल प्लेटफॉर्म के अंतर्गत सुगम, ई-वेतन, सीएम नगर सृजन योजना पोर्टल तथा एसवीएम टॉक यूपी यू-ट्यूब चैनल का शुभारम्भ किया।
इस दौरान उन्होंने आज बुधवार को ‘‘सम्भव’’ पोर्टल की व्यवस्थानुसार जनसुनवाई भी की और शिकायतकर्ताओं से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने जनसुनवाई में गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर की शिकायतों में जलभराव, कूड़ा-कचरा साफ न होना, स्ट्रीट लाइट, पानी आपूर्ति जैसी समस्याओं को सुना और मौके पर ही निस्तारित किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित भी किया कि ऐसी समस्याएं दोबारा न पैदा हों, इसके लिए गंभीर प्रयास किये जाएं।
कार्यशाला में नगर विकास विभाग के सलाहकार केशव वर्मा ने कहा कि प्रदेश के विकास का असर पूरे देश में पड़ेगा। एक व्यवस्थित शहरीकरण आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। निवेश को भी बढ़ावा देने के लिए एक व्यवस्थित एवं साफ-सुथरा शहरीकरण जरूरी है।
उन्होंने सॉलिडबेस्ट मैनेजमेंट के लिए क्लस्टर बनाने की बात कही तथा शहरीकरण व आधुनिकीकरण के चैलेंज के बावजूद शहरों को सुन्दर बनाने के कार्य करने की गति को तेज करना है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति के अनुरूप ही योजनाएं क्रियान्वित की जाएं और इन्हें धरातल पर उतार कर शहरों के समन्वित विकास की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि शहरों के व्यवस्थित विकास तथा योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
उन्होंने ट्रिपल-सी (कॉम्पीटेंस, कॉलैबुरेशन, कंसीव) और वन-टी (टेक्नालॉजी) का फार्मूला दिया। कहा कि विगत 20 वर्षों में काफी कुछ बदलाव हुआ है। नगरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण विकास को गति मिली है। तकनीक का बेहतर प्रयोग करके इसमें और गति लाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए अनुशासनबद्ध होकर क्रांतिकारी कदम उठाते हुए कार्यों को करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में नगरीय क्षेत्रों का सीमा विस्तार हो रहा है और सरकार का पूरा ध्यान नगरों के विकास पर केन्द्रित है।
निदेशक नगरीय निकाय श्रीमती नेहा शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में 500 अधिशासी अधिकारियों सहित नगर पालिका परिषदों, नगर पंचायतों के चेयरमैन और नगर निगमों के मेयर वचुअली प्रतिभाग कर रहे हैं। नगरों के विकास का विस्तृत मॉड्यूल तैयार कर इसे धरातल पर उतारने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया और महत्वपूर्ण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में 2027 तक 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को प्राप्त करने में नगर विकास विभाग के योगदान, 15वां वित्त आयोग से संबंधित ऑपरेशनल गाइडलाइन्स, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, स्वच्छ भारत मिशन-2.0, अमृत-2.0, पेयजल सर्वेक्षण, प्लास्टिक बेस्ट मैनेजमेंट, मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना, कान्हा गौशाला, अंत्येष्टि स्थल, डीसीसीसी, सम्भव, 1533 से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं संवाद किया गया। शहरों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी कार्ययोजना पर चर्चा भी की गई।
कार्यशाला में सचिव नगर विकास अनिल कुमार एवं रंजन कुमार, विशेष सचिव, निदेशक सूडा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेष प्रोग्राम के समन्वयक उपस्थित थे।