कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों। कुछ इसी तरह का काम कर रहा हैं गरीबों का एक मसीहा

बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा था भारत रक्षादल का बुजुर्ग साथी, दीनू जयसवाल ने बढ़ाया मदत का हाथ ।
आजमगढ़ के जिला अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों की निर्दयता के बाद लगभग 80 वर्ष का बुजुर्ग अपने घायल बेटे को ठेले पर लेकर दर दर भटक रहा था।
बता दें कि आजमगढ़ मंडलीय चिकित्सालय के डॉक्टरों की संवेदनहीन के बाद एक 80 वर्षीय बुजुर्ग जो पूर्व में भारत रक्षा का ब्रांड एंबेसडर भी रह चुका हैं।लेकिन हालात और गरीबी की मार के बाद अपने घायल बेटे को लेकर दर-दर भटक रहा था सरकारी अस्पताल से निकाले जाने के बाद बुजुर्ग ने कई प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर लगाया लेकिन किसी ने उसकी मदत नहीं कि बुजुर्ग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड भी दिखाया लेकिन सभी प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान से इलाज करने से साफ मना कर दिया। तभी कुछ पत्रकारों से यह सूचना दीनु जयसवाल को मिली।





