आज़मगढ़ नपा अध्यक्ष के प्रतिनिधि पर लगा घूसखोरी का आरोप, किया खंडन, कहा छवि खराब करने वालो पर होगी मानहानि की कार्यवाही
जनपद के चेयरमैन प्रतिनिधि प्रणीत श्रीवास्तव के ऊपर शोशल मीडिया पर गलत सूचना देकर, घूस लेकर मकान पर फर्जी नाम चढ़ाने का आरोप लगाया था।
लगाये गये आरोपों का हनी श्रीवास्तव ने किया खण्डन।
आज कल देश मे लोगों के लिए सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम बना हुआ है जिसके द्वारा किसी का प्रचार प्रसार हो या बदनाम करने की साजिश यह एक ऐसा रास्ता बना चुका है जिससे लोगों को परेशान और बदनाम करना साथ ही अपनी बातों को पहुंचाने का आसान रास्ता बन चुका है ऐसा ही मामला यूपी के आजमगढ़ जिले से आया है जहां आजमगढ़ के नगर पालिका चेयरमैन शीला श्रीवास्तव के पुत्र व चेयरमैन प्रतिनिधि प्रणीत श्रीवास्तव के ऊपर सोशल मीडिया के माध्यम से नगर पालिका में घूस लेकर फर्जी व्यक्ति का नाम मकान पर नपा रजिस्टर में चढ़ाने का आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है वही चेयरमैन प्रतिनिधि प्रणीत श्रीवास्तव ने भ्रामक खबरों का खंडन करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक खबर पूरी तरह गलत है और कहा कि यह मनगढ़ंत और बेबुनियाद है वहीं उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग मेरे ऊपर कूट रचित तरीके से दबाव बनाकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नगर पालिका में नाम दर्ज करवाना चाहते थे लेकिन नपा अध्यक्ष द्वारा समय दिया गया था और कहा गया था कि अग्रिम कार्यवाही स्वयं करवा लें या फिर कोर्ट के आदेश पर ही नपा में कोई कार्य सम्भव हो पायेगा वही कुछ सही लोगो के सही कागजो व दस्तावेजो के आधार पर सही व्यक्ति का नाम दर्ज कर दिया गया जिसके बाद उनके मनसूबे जब पूरी नही हुई तो वह मेरे ऊपर घूस लेकर नाम दर्ज कराने का आरोप लगाया जो पूरी तरह निराधार है जो आज शोसल मीडिया का गलत इस्तेमाल करके भ्रामक खबर फैलाई जा रही है,वही चैयरमैन प्रतिनिधि ने यह भी बताया कि जिसको आपत्ति थी वह लोग प्रशासनिक अधिकारी को पत्र के माध्यम से शिकायत की जिसके बाद नपा प्रशासन द्वारा सभी सबूत दस्तावेज डीएम कार्यालय में भेज दिया गया है, अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही हैं, जाच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके आधार पर प्रशासन कार्यवाही करेगी वही नपा प्रतिनिधि ने यह भी बताया कि यदि पालिका अध्यक्ष/प्रतिनिधि द्वारा सत्यता सामने आने के बाद शोसल मीडिया द्वारा भ्रामक खबरे फैलाने वाले व छवि खराब करने वालो के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का दावा किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का निंदनीय कार्य न किया जा सके।