पूरे विश्व में क0 संतोष कुमार मिश्रा ने पूरे पूर्वांचल का बढ़ाया मान
कर्नल संतोष के जज्बे को सलाम कर रहा है पूरा हिन्दुस्तान
बाधाओं से न घबराते हुए लखनऊ निवासी सीसीआई अपर महानिदेशक कर्नल संतोष कुमार मिश्रा डटे रहे काम मेंदबाव, तनाव दरकिनार.कर 2साल में किया गूगल के खेल का खुलासा।
लखनऊ। साउथ सिटी निवासी आयुध कोर में तैनात कर्नल संतोष कुमार मिश्रा को दो साल पहले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अपर महानिदेशक के पद पर प्रतिनियुक्ति दी गई तो किसी को इल्म नहीं था कि उनकी एक रिपोर्ट कॉरपोरेट जगत में तहलका मचा देगी।
वर्ष 2020 में उन्हें आयोग की ओर से गूगल एंटीट्रस्ट केस की जांच मिली। इसकी पड़ताल के लिए उन्होंने अपनी तकनीकी समझ को बढ़ाया। दो साल की मशक्कत के दौरान उन्हें बरगलाने की भी कोशिश हुई, लेकिन कर्नल टीम के साथ डटे रहे और गूगल के खिलाफ 700 पन्नों की रिपोर्ट पेश की। बीती 30 अक्टूबर
पन्नों की रिपोर्ट पेश की थी गूगल के खिलाफ
1337.70 करोड़ का जुर्माना लगा कंपनी पर
कर्नल संतोष कुमार मिश्रा
को आयोग ने गूगल पर 1337.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इस पड़ताल के दौरान कर्नल की राह आसान नहीं रही।
केस की जांच के दौरान कर्नल संतोष कुमार मिश्रा को सहयोगियों के तौर पर वरिष्ठ शोध सहयोगी व चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव गुप्ता व सीसीआई उपनिदेशक विजय विश्नोई
सहमी कंपनियों ने
नहीं रखी अपनी बात
सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच में बाजार की अधिकतर कंपनियों ने बात करने से ही इन्कार कर दिया। चंद कंपनियों ने ही जांच टीम से अपनी बात रखी। इसी बीच कोरोना काल में कर्नल संतोष की माताजी का देहांत हो गया। इसके बाद भी उन्होंने जांच को सही दिशा में ले जाने में पूरी ताकत झोंक दी। कर्नल ने सात मामलों में गूगल के प्रतिस्पर्धा मानकों के उल्लंघन की रिपोर्ट पेश की। इस दौरान शीर्ष कॉरपोरेट कानूनी फर्मों के चुनिंदा समूहों ने कर्नल की हिम्मत तोड़ने की भी कोशिश की। गूगल ने तकनीक का इस्तेमाल कर आयोग को बरगलाना चाहा, लेकिन कर्नल डटे रहे। गौरतलब है कि कर्नल संतोष भारतीय सेना आयुध कोर में 1992 में कमीशन हुए थे। करीब 28 वर्षों की सैन्य सेवा के बाद आयोग में अपर महानिदेशक के
का साथ मिला उस समय कर्नल के पास प्रतिस्पर्धा कानून की जांच का अनुभव नहीं था। एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम की तकनीक समझने की व्यापक योग्यता का भी उनमें अभाव था कर्नल ने तीन महीने पिछली जांच की रिपोर्ट को समझा। इसके बाद डोमेन विशेषज्ञ प्रोफेसरों की टीम से तकनीकी जानकारी ली। (संवाद) पद पर प्रतिनियुक्ति पर आए।
गूगल पर लगे थे ये आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने सर्च मार्केट पर अनाधिकृत रूप से एकाधिकार स्थापित करने के साथ अपने ब्राउजर क्रोम, यूट्यूब व मैप आदि को बढ़ावा दिया अपनी 25 लाख एंड्रायड एप की ताकत का दुरुपयोग कर हैंडसेट मार्केट के 98 प्रतिशत हिस्से पर एकाधिकार किया। इससे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन स्टोर, सर्च मार्केट, ब्राउजर व ऑनलाइन वीडियो होस्टिंग का डिजिटल बाजार विकृत हो गया।
कार्रवाई का यह हुआ बड़ा असर
यह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के इतिहास का पहला फैसला था, जिसमें इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया। अन्य देशों ने भी इस फैसले को नजीर मानकर अपने देश में डिजिटल कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की। इस फैसले से निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बाजार का रोडमैप तैयार होगा।