आजमगढ़ । मामला हैं रानी की सराय थाना क्षेत्र का जहां एक पत्रकार की पत्नी के साथ एक मनबढ़ व्यक्ति द्वारा छेड़छाड़ मारपीट की गई जिसके बाद अकेली महिला दौड़ते हुए थाने पर पहुंचती है और अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थानेदार से निवेदन करती है थानेदार बातों में घंटो तक महिला को घुमाते रहे। जिसके बाद महिला के पत्रकार पति को इस घटना का पता चला,जिस पर तत्काल मौके पर पत्रकार पति ज वीरेंद्र सरोज के साथ काफी संख्या में पत्रकार रानी की सराय थाने पर पहुंच गए जहाँ पहले तो थानेदार द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यहवार किया गया लेकिन जब थाने में पत्रकारों द्वारा वीडियो और लाइव वीडियो बनाना शुरू किया गया तो थानेदार महोदय कुछ नम शब्दों में बात करते नजर आए। रानी की सराय थाने के थानेदार का कहना था कि पहले विवेचना की जाएगी फिर FIR लिखा जाएगा। इस पर पत्रकार भड़क गए और पत्रकारों ने सवाल या की क्या पहले विवेचना होती है बाद में f.i.r. इस सवाल को लेकर काफी देर तक पुलिसकर्मियों और पत्रकारों में कहासुनी होती रही। मामला बिगड़ता देख पत्रकारों ने आला अधिकारियों को फोन कर जानकारी दी जिसके बाद आलाअधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए तत्काल f.i.r. कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके बाद महिला को देर रात लगभग 11:00 बजे आजमगढ़ के चिकित्सालय में मेडिकल हेतु लाया और एफ आई आर दर्ज कराया गया ।
लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि जब एक पत्रकार के परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार स्थानीय थाने के लोगों द्वारा किया गया तो आम जनता के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा यह एक सोचनीय बात है वैसे तो आजमगढ़ के पुलिस कप्तान की कार्रवाई से पूरा जिला संतुष्ट है न्याय संगत कार्य करने की छवि के कारण आजमगढ़ कप्तान निर्विवाद कप्तान माने जाते हैं। लेकिन उनके नीचे के कुछ कर्मचारी उनकी छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश सुशासन की सरकार को भी ऐसे कर्मचारी थे ना ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं गया।